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819 - उत्सव या पर्व आदि के उपलक्ष्य में किया जाने वाला जागरण / हल - 818

वर्गपहेली varga paheli - 819
ऑनलाइन हिन्दी उलटपुलट / गड्डमड्ड (स्क्रैम्बल्ड) हिंदी शब्द - वर्ग पहेली Online Hindi Crossword / scrambled / jumbled word Puzzle संकेत के रूप में वर्ग पहेली के ठीक नीचे शब्द (उलटपुलट कर) दिए गए हैं
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हिमाकत अंधीगाश बुशरु पिसुपा खनाबिर जरतगा कविसु रअंगू हबासारमा ज़ातबि

बाएँ से दाएँ
1. 1. ज़ब्त करने वाला; रखने वाला 2. नियामक; रक्षक; प्रबंधक; मुंतजिम।
3. 1. पीने की इच्छा वाला; प्यासा; तृषित 2. किसी विशेष प्रकार की कामना वाला।
6. विरह प्रधान लोकगीत; वह पद्य या गीत जिसमें बारह महीनों की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन किसी विरही या विरहिणी के मुँह से कराया गया हो; वर्ष भर के बारह मास में नायक-नायिका की श्रृंगारिक विरह एवं मिलन की क्रियाओं के चित्रण।
9. 1. उत्सव या पर्व आदि के उपलक्ष्य में किया जाने वाला जागरण 2. रात्रि-जागरण 3. भाद्रपद कृष्ण द्वितीया को होने वाला रात्रि जागरण का एक पर्व जिसमें स्त्रियाँ कजली गाती हैं।
10. 1. तस्वीर बनाने के काम आने वाली कूची; तूलिका; (ब्रश) 2. किसी चीज़ को पोतने

ऊपर से नीचे
2. 1. वस्तुओं का बेतरतीबी से इधर-उधर फैलना 2. अलग-अलग या दूर-दूर होना।
4. अच्छा या उत्तम कवि।
5. 1. अनधिकार चेष्टा; धृष्टता 2. दुःसाहस; नासमझी; मूर्खता।
7. 1. अंग देश का राजा; अंगराज।
8. 1. एक मीठा और पौष्टिक छोटे आकार का फल या उसकी लता; द्राक्षा; दाख 2. मधुरसा। [मु.] -खट्टे होना : मनचाही वस्तु के प्राप्त न होने पर अपनी कमी उजागर न करते हुए कोई और बहाना करना।

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हल 818

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